गरुण पुराण: ये चकवा चकवी है…कौन ??? I Garun Puran: Chakva chakvi

ये चकवा चकवी है…कौन ??? गरुण पुराण

गरुण पुराण में कर्म के आधार पर फल की व्याख्या की गई है

चकवा (#RuddyShelduck), जिसे चक्रवाक और ब्राह्मणी बत्तख (#BrahminyDuck) भी कहते है।

आइये जानते है ये चकवा चकवी कौन है ?

गरुण पुराण (#GarunPurana), मुख्य रूप से हिंदू धर्म में लिखित, अगले जन्म के जीवन की शुरुआत की परिकल्पना पर आधारित है। कहा जाता है कि गरुण पुराण की रचना भगवान विष्णु द्वारा दी गई शिक्षाओं पर की गई है, जो कि गरुण राजा द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में है।

गरुण पुराण, मनुष्य द्वारा शुरुआत में किए गए कर्मों के आधार पर इस बात का विस्तृत स्पष्टीकरण प्रदान करता है कि किसी व्यक्ति का पुनर्जन्म का अस्तित्व कैसा हो सकता है।

यह भी पढ़ें: सर्दियों में इम्‍यूनिटी बूस्टर है अनन्नास का जूस, कैंसर से भी करता है बचाव 

जब घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो आमतौर पर गरुण पाठ कराया जाता है। 

गरुण पुराण में स्त्री और पुरुष के संबंधों पर बहुत कुछ लिखा गया है। एक उदाहरण के रूप में, जो लोग अपने जीवनसाथी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, वे अगले जन्म मे क्या बनते हैं? गरुण पुराण में कहा गया है कि जो पति अपने स्वार्थ के कारण, झूठे आरोप लगाकर या किसी अन्य उद्देश्य से अपनी पत्नी को त्याग देता है (#abandon), वह अगले जन्म में चक्रवाक यानि चकवा बनता है। 

कहा जाता है कि इस चकवा की आवाज बहुत कर्कश होती है और यह दिन भर चिड़िया के पास रहती है लेकिन रात के समय ये अलग हो जाते हैं। 

कालिदास ने अपनी विराह रचना में चकवाल चकवी को परिभाषित किया है कि कैसे चकवा को अपने पुराने कर्मों के कारण चकवी से दूर रहने का कष्ट भोगता है।

उपरोक्त आर्टिकल गरुण पुराण के कथनों और लोकोक्तियों पर आधारित है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *